Two Pots Story in Hindi With Moral | 2 घड़ों की कहानी

दोस्तों के आप भी Two Pots Story in Hindi With Moral यानी कि 2 घड़ों की कहानी के बारे में सर्च कर रहे हैं? अगर ऐसा है तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं, क्योंकि आज की इस पोस्ट में हम आपके साथ दो घड़ों की कहानी शेयर करने जा रहे हैं| 

जब हमने देखा कि काफी लोग 2 घड़ों की कहानी के बारे में सर्च कर रहे हैं| तब हमने खुद इसके ऊपर रिसर्च शुरू करी और रिसर्च पूरी करने के बाद ही हम आपके साथ कुछ खास और दिलचस्प कहानियां शेयर कर रहे हैं| तो चलिए दोस्तों अब हम शुरू करते हैं।

मिटटी और पीतल के घड़े की कहानी – Two Pots Story in Hindi With Moral

एक बार की बात है कि उत्तर प्रदेश का एक गांव था| वह गांव नदी के किनारे पर बसा हुआ था| अक्सर ही लोग अपनी पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए नदी के पानी का इस्तेमाल किया करते थे| 1 दिन गांव में बारिश शुरू हो गई, बारिश बहुत ही ज्यादा तेज थी| सुबह से शाम हो गई और शाम से रात लेकिन बारिश ने रुकने का नाम नहीं लिया| बारिश अगले दिन भी लगातार तेज रफ्तार से चल पड़ती रही| इतनी तेज बारिश के चलते नदी के पानी का स्तर बढ़ गया और नदी में बाढ़ आ गई| 

बाढ़ आने की वजह से गांव में तबाही मच गई और गांव का समान पानी के साथ बहने लगा| उसी समान के साथ में दो घड़े थे, जो पानी में बहने लग गए थे| एक घड़ा मिट्टी का था और दूसरा घड़ा पीतल का था| बहते हुए पानी में पीतल के घड़े ने मिट्टी के घड़े को देखा तो सोचने लगा कि मिट्टी का घड़ा तो कमजोर सा घड़ा है| यह पानी के बहाव के साथ बह जाएगा और डूब जाएगा| पीतल के घड़े ने सोचा कि मैं मिट्टी के घड़े की सहायता कर देता हूँ और उसे बचाकर किनारे तक ले जाता हूँ| 

पीतल का घड़ा मिट्टी के घड़े के पास आया और कहने लगा है कि मित्र तुम मिट्टी के बने हुए हो, तुम बहुत कमजोर हो, तुम मेरे साथ रहो, मैं तुम्हें सुरक्षित इस पानी से बचाकर नदी के किनारे तक पहुंचा दूंगा| तब मिट्टी के घड़े ने कहा कि मित्र सहायता के प्रस्ताव के लिए धन्यवाद| लेकिन अगर मैं तुम्हारे आसपास भी रहा तो मैं बच नहीं पाऊंगा| यह सुनकर पीतल का घड़ा सोच में पड़ गया| 

फिर पीतल के घड़े ने पूछा कि वह कैसे? फिर मिट्टी के घड़े ने कहा कि तुम पीतल के बने हुए हो, तुम बहुत कठोर हो, पानी के बहाव की वजह से तुम मुझसे टकरा गए तो मैं चकनाचूर हो जाऊंगा और वहीं पर टूट जाऊंगा और डूब जाऊंगा| इसीलिए तुमसे दूर रहने में ही मेरी भलाई है| यह कह कर मिट्टी का घड़ा पटल के घड़े से दूसरी दिशा में चला गया और स्वयं खुद को बचाने की कोशिश करता रहा| 

काफी देर कोशिश करने के बाद मिट्टी का घड़ा नदी के किनारे पर पहुंच गया और खुद को सुरक्षित कर लिया| वहीं दूसरी ओर पीतल का घड़ा काफी ज्यादा भारी था और उसमें पानी भर गया था| जिसकी वजह से पीतल के घड़े का भार पहले से भी ज्यादा हो गया और उसी पानी में डूब गया| 

नैतिक शिक्षा

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि विपरीत गुणों के मुकाबले एक जैसे गुणों वाले अच्छी मित्रता कायम कर सकते हैं।

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किसान और घड़ों की कहानी

एक बार की बात है कि एक गांव में एक किसान रहता था| किसान के पास दो घड़े थे| किसान अक्सर ही पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए पास के कुए पर जाता और दोनों घड़ों में पानी भरकर घर पर लेकर आता था| किसान हर रोज अपने कंधे पर एक लाठी रखता और लाठी के दोनों सिरों पर एक एक घड़ा लटका देता था और पानी भरने के लिए कुएं के पास चला जाता था| 

लेकिन जब भी किसान दोनों घड़ों में पानी भरता था, तब एक घड़े में पानी पूरा घर तक पहुंचता था और दूसरे घड़े में पानी आधा ही घर तक पहुंचता था, क्योंकि दूसरे घड़े में एक छेद था| जिस घड़े में पूरा पानी भरता था उस घड़े को खुद पर बहुत घमंड होने लगा था और वह सोचने लगा था कि मैं ही अपने मालिक की जरूरत को पूरा करता हूँ| मालिक जितना पानी मुझ में डालते हैं, मैं उतना पानी ही घर पर ले कर आता हूँ| 

वहीं दूसरी तरफ छेद वाला घड़ा यह सोचकर निराश हो जाता था कि मालिक मुझ में जितना पानी भरते हैं, मैं उसका आधा पानी ही घर पर पहुंचा पाता हूँ| मैं मालिक की मेहनत को व्यर्थ कर रहा हूँ| फिर एक दिन छेद वाले घड़े ने अपने मालिक से कहा कि मालिक आप मुझे माफ कर दीजिए, मैं आपकी मेहनत का आधा परिणाम ही आपको दे पा रहा हूँ| मैं आपको बताना चाहता हूं कि मुझ में एक छेद है, जिसकी वजह से आप जितना पानी मुझ में डालते हैं मैं उसका आधा पानी ही अपने घर तक पहुंचा पाता हूँ| 

यह सुनकर किसान भी दुखी हो गया| फिर किसान ने छेद वाले घड़े से कहा कि जब भी मैं तुम में पानी डालकर घर की ओर लाऊ, तुमने कल से अपनी तरफ लगे हुए फूलों की और देखना है| यह सुनकर छेद वाला घड़ा किसान की बात मान गया, लेकिन उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि इससे होगा क्या? फिर अगला दिन हुआ किसान अपने दोनों घड़ों को लेकर पानी भरने के लिए के पास के कुएं पर गया| फिर छेद वाला घड़ा वापस आते हुए फूलों की ओर देखता रहा फिर कुछ समय के बाद किसान अपने घर पहुंच गया| 

घर पहुंच कर किसान ने अपने दोनों घड़े घर पर रख दिए| एक घड़े में पानी भरा हुआ था और छेद वाले घड़े में फिर आधा पानी बचा था| यह देखकर छेद वाला घड़ा बहुत ज्यादा निराश हो गया और मालिक से कहने लगा कि मालिक मई तो आपके कहे अनुसार फूलों की तरफ ही देख रहा था| लेकिन फिर भी मैं घर पर आधा पानी ही लेकर आ पाया हूँ| फिर किसान ने कहा कि लगता है तुमने ध्यान से उन फूलों की तरफ नहीं देखा है| तुम कल फिर से उन फूलों की ओर ध्यान से देखना| 

यह फूल तुम्हारे द्वारा ही लगे हुए हैं| यह सुनकर छेद वाला घड़ा सोच में पड़ गया कि इन फूलों को लगाने में मेरा क्या योगदान है? किसान ने छेद वाले घड़े को समझाया कि मुझे मालूम था कि तुम में छेद है| इसलिए जब भी मैं दोनों घड़ों को भर कर लाता था तो तुम्हारे छेद में से पानी निकलता रहता था और जिस रास्ते पर तुम में से पानी निकलता था, मैं उस रास्ते पर बीज़ डाल देता था| तुम्हारा पानी गिर गिर कर बीज़ फूल बन गए हैं| 

तुमने ध्यान नहीं दिया कि रास्ते में जो फूल थे, वह सिर्फ तुम्हारी तरफ ही थे| मेरे ऐसा करने से रास्ता भी बहुत सुंदर बन गया| अब मैं इन फूलों का इस्तेमाल भगवान को चढ़ावा चढ़ाने के लिए करता हूँ| यह सब कुछ तुम्हारी वजह से ही हुआ है| यह सुनकर छेद वाला घड़ा खुश हो गया और अब उसे किसी भी बात का दुख नहीं रहा| 

नैतिक शिक्षा

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपनी कमी के बारे में सोच कर बिल्कुल भी दुखी नहीं होना चाहिए, बल्कि अपनी कमी को अवसर की तरह देखना चाहिए और दूसरे लोगों की मदद करनी चाहिए।

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Conclusion

उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा शेयर करी गई Two Pots Story in Hindi With Moral आपको काफी पसंद आई होगी और इन कहानियों से आपको अच्छी सीख भी मिली होगी| अगर आपको हमारे द्वारा शेयर करी गई कहानियां पसंद आई हो या फिर आप हमें कोई राय देना चाहते हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं| 

FAQ (Frequently Asked Questions)

2 घड़ों की कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

2 घड़ों की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अलग-अलग गुणों वालों के मुकाबले एक जैसे गुणों वालों के बीच अच्छे से मित्रता कायम होती है।

किसान और घड़ों की कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

किसान और घड़ों की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने भीतर की कमियों के बारे में सोच कर चिंतित नहीं होना चाहिए, बल्कि अपनी कमियों को अपनी ताकत बननी चाहिए और लोगों की मदद करनी चाहिए।

किसान और घड़े की कहानी में एक घड़े में क्या कमी थी?

किसान और घड़े की कहानी में किसान के पास दो घड़े थे| जिसमें से एक घड़े के अंदर छेद था, जिसकी वजह से उसके छेद वाले घड़े में कभी भी पूरा पानी नहीं भरता था।

किसान और 2 घड़ों की कहानी में छेद वाले घड़े को ज्यादा महत्व क्यों दिया गया है?

किसान और 2 घड़ों की कहानीl में छेद वाले घड़े को इसलिए महत्व दिया गया है क्योंकि जब भी किसान छेद को घड़े को कुएं से भरकर अपने घर की ओर ले जाता था तो उसके छेद वाले घड़े से रास्ते में पानी गिरता रहता था और एक दिन उसी रास्ते में पानी गिरने की वजह से फूल खिलने शुरू हो गए थे।

मिट्टी और पीतल के घड़े की कहानी में मिट्टी के घड़े ने दूसरे घड़े से सहायता लेने से मना क्यों किया?

मिट्टी और पीतल के घड़े की कहानी में मिट्टी के घड़े ने पीतल के घड़े से सहायता लेने से इसलिए मना किया क्योंकि मिट्टी के घड़े को मालूम था कि अगर पानी के बहाव के साथ पीतल का घड़ा उसके साथ एक बार भी टकरा गया तो वह टूट जाएगा और पानी के अंदर डूब जाएगा।

क्या मिट्टी के घड़े को पीतल के घड़े से सहायता लेनी चाहिए थी?

नहीं, मिट्टी के घड़े को पीतल के घड़े से सहायता बिल्कुल भी नहीं लेनी चाहिए थी, क्योंकि पीतल का घड़ा पीतल का बने होने की वजह से काफी ज्यादा भारी था| अगर मिट्टी का घड़ा पीतल के घड़े की सहायता लेता तो पानी के बहाव में वह आपस में टकरा जाते हैं और मिट्टी का घड़ा पानी के अंदर ही डूब जाता।

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