Chatur Kisan Story in Hindi with Moral | चतुर किसान की कहानी

दोस्तों आज इस लेख में हम आपके साथ Chatur Kisan Story in Hindi with Moral शेयर करने जा रहे हैं| इस कहानी में हम आपको बताएंगे कि कैसे एक चतुर किसान अपने सामने मुसीबत को देखकर घबराता नहीं, बल्कि आने वाली मुसीबत से होने वाले नुकसान को भी अपने फायदे में बदल लेता है| इस कहानी को पढ़ने के बाद आप में भी मुसीबत का सामना करने की हिम्मत आएगी और अपने दिमाग को कैसे सही रास्ते पर इस्तेमाल करना है, उसके लिए भी प्रेरणा मिलेगी| तो चलिए दोस्तों अब हम शुरू करते हैं| 

चतुर किसान की कहानी – Chatur Kisan Story in Hindi with Moral

एक बार की बात है कि एक गांव में किसान अपनी बीवी और 2 बच्चों के साथ रहता था| वह किसान बहुत ही मेहनत से खेती करता था और अपने घर का पालन पोषण करता था| हर साल किसान के खेत में बहुत अच्छी फसल की पैदावार होती थी, जिसे बेचकर हर साल किसान को काफी मुनाफा होता था| जिसकी वजह से किसान के पास अब काफी पैसा जमा हो गया था| 

समय के साथ साथ किसान के दोनों बच्चे भी बड़े हो गए थे| दोनों बच्चों की पढ़ाई उनके रहने, खाने-पीने, कपड़ों पर भी काफी खर्च हो रहा था| अब किसान के दोनों बच्चे ने कॉलेज की परीक्षा पास कर ली थी| किसान के एक बच्चे का नाम रवि और दूसरे का नाम हरीश था| हरीश कॉलेज के बाद अपने पिता के साथ खेत में काम करवाता था, लेकिन रवि का खेत के काम में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं थी| रवि हर वक्त विदेश में जाकर पैसे कमाने के बारे में सोचता रहता था| 

फिर जब रवि की कॉलेज की परीक्षा खत्म हो गई और रवि ने BA की डिग्री पूरी कर ली, तो रवि ने अपने पिता से बात करी और उन्हें बताया कि वह विदेश जाना चाहता है और वहां जाकर अच्छा पैसा कमाना चाहता है| फिर रवि के पिता ने अपने बेटे को बहुत समझाने की कोशिश करी कि अगर वह यहां रहकर अच्छे से खेती करें तो वह बहुत पैसा कमा सकता है, क्योंकि मैंने भी इसी खेत से इतनी धन दौलत कमाई है कि तुम लोगों को इतना पढ़ना के काबिल हुआ हूं| 

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लेकिन रवि अपने पिता की बात सुनने को तैयार नहीं था वह बस अपनी जिद पर ही अड़ा हुआ था कि वह विदेश में जाकर पैसा कमाना चाहता है और आगे की पढ़ाई भी वही करना चाहता है| फिर यह कहकर रवि खेत से अपने घर चला गया| शाम हुई किसान भी घर वापस आया, किसान ने अपनी बीवी से बात करी और बताया कि रवि विदेश जाना चाहता है, लेकिन हमारे पास इतना ज्यादा पैसा भी नहीं है कि हम उसको विदेश भेज सके| 

अगर हम जितना पैसा है अगर हम रवि पर लगा देंगे तो हमारे छोटे बेटे हरीश का क्या होगा? फिर अगली सुबह हुई रवि की मां ने रवि को समझने की कोशिश कारी, लेकिन रवि नहीं माना और अपनी मां को समझाने लगा कि वह उसके पिताजी को समझाएं| अगर वह बाहर चला जाएगा तो हम इससे भी ज्यादा अमीर बन सकते हैं और हमारा जीवन और भी ज्यादा सुखद हो सकता है| 

रवि की मां भी उसकी बातों में आ गई और उसने अपने पति से बात करी| काफी देर समझने के बाद किसान अपने बेटे रवि को विदेश भेजने के लिए तैयार हो गया| लेकिन किसान के सामने सबसे बड़ी परेशानी यह थी कि इतना पैसा वह कहां से लाएगा| 

फिर कुछ दिन बीते गांव में व्यापारी आए, जो गांव बहरी हिस्से में लगती जमीनों को खरीद कर वहां पर मुर्गी पालन खोलना चाहते थे। जब यह बात रवि को मालूम हुई तो रवि ने अपने पिता को खेत बेचने के बारे में बताया और कहा कि अगर हम खेत बेच देंगे तो हमें काफी पैसा मिल जाएगा| जिससे मैं बाहर चला जाऊंगा और एक-दो साल में काफी पैसा कमा कर आप लोगों को वापस भेज दूंगा| जिससे हम एक की बजाये 2 खेत भी खरीद सकेंगे| 

पहले तो यह बात सुनकर किसान चिंतित हो गया और उसे लगा कि रवि उसके खेत बेचने को नहीं बल्कि उसे उसके बेटे से अलग होने के बारे में सलाह दे रहा है, क्योंकि किसान अपनी जमीन को अपने बच्चों की तरह ही देखता था| फिर अगले ही दिन रवि व्यापारियों को अपने पिता के पास ले आया और खेत बेचने की बात करने लगा।

लेकिन किसान जमीन को बेचने के बारे में सोचकर मन ही मन बहुत दुखी हो रहा था| फिर किसान ने चतुराई दिखाई और व्यापारियों को कहा कि मैं आपको जमीन तो नहीं बेच सकता, लेकिन मेरे पास आपके लिए एक बहुत ही फायदे का सौदा है| व्यापारियों ने पूछा कि क्या सौदा है बताओ? किसान ने कहा कि तुम जितना दाम मेरी जमीन के लिए मुझे देना चाहते हो? मैं उतने से कम दाम पर अपनी जमीन को कुछ सालों के लिए तुम्हारे पास गिरवी रख देता हूँ| 

अगर मैं समय पर तुम्हारा कर्ज़ा ना चुका पाया, तो तुम इस जमीन को भी रख लेना और जितना पैसा बचा होगा मैं धीरे-धीरे मैं तुम्हें वापस लौटा दूंगा| यह सुनकर व्यापारी मन ही मन खुश होने लगे और सोचने लगे कि यह किसान इतनी जल्दी पैसा कैसे लुटाएगा?

व्यापारी भी चतुर किसान की बात से सहमत हो गए और उन्होंने कुछ सालों के लिए जमीन अपने पास रख ली और किसान को जमीन पर खेती करने की अनुमति दे दी| व्यापारियों को लगता था कि आने वाले तीन चार सालों में किसान इतना पैसा इकट्ठा नहीं कर पाएगा कि वह हमारा कर्ज चुका सके| फिर व्यापारी वहां से चले गए| लेकिन चतुर किसान को मालूम था कि उसकी जमीन कितनी उपजाऊ है और वह हर साल कितना पैसा उस से कमाता है।

फिर किसान ने अपने बेटे को विदेश भेज दिया और उसका बेटा भी विदेश जाकर मेहनत करके पैसा कमाने लगा| किसान का बेटा भी हर महीने कुछ ना कुछ पैसे घर भेजता रहता था और किसान भी पहले से ज्यादा मेहनत करके खेत में खेती करता रहता| चतुर किसान ने समय से पहले ही व्यापारियों को सारा कर कर्जा चुका दिया| इस प्रकार चतुर किसान की चतुराई से उसका बेटा भी विदेश चला गया और उसकी जमीन भी उसके पास बची रह गई| 

नैतिक शिक्षा

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अगर हम अपने दिमाग को सही तरीके से इस्तेमाल करें तो हम आने वाले नुकसान को भी फायदे में बदल सकते हैं।

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Conclusion

उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा शेयर करी गई Chatur Kisan Story in Hindi with Moral आपको काफी पसंद आई होगी और इस कहानी को पढ़कर आपको भी चतुराई से मुसीबत का सामना करने की शिक्षा मिली होगी| अगर आपको हमारे द्वारा शेयर करी गई पर कहानी पसंद आई हो या फिर आप हमें कोई राय देना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।

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