Chalak Bandar Story in Hindi With Moral – दोस्तों क्या आप भी Chalak Bandar Story in Hindi With Moral के बारे में सर्च कर रहे हैं? अगर ऐसा है तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं, क्योंकि आज की इस पोस्ट में हम आपके साथ Chalak Bandar Story in Hindi With Moral शेयर करने जा रहे हैं| जो पढ़ने में आपको काफी ज्यादा अच्छी लगेगी|
आज की stories में हम आपके साथ बंदर की चालाकी और उसकी सूजभुज के बारे में जानकारी शेयर करने जा रहे हैं, कि कैसे बंदर अपनी चलाकर और सूझबूझ से दूसरों की मदद करता है| तो चलिए दोस्तों अब हम शुरू करते हैं|
चालक बंदर और मगरमच्छ की कहानी – Chalak Bandar Story in Hindi With Moral
यह कहानी एक बंदर और एक जंगल की है| एक बार एक चतुर चालाक बंदर था जो शहर के पास एक सर्कस से निकल कर भाग गया था और पास के जंगल में आकर छुप गया था| तब बंदर की मुलाकात एक चूहे से हुई| बन्दर की चूहे से दोस्ती हो गई| चूहे ने बंदर को पूरा जंगल दिखाया, यहां तक शेर की गुफा भी बंदर को दिखा दी|
लेकिन उस जंगल में एक नदी बहती थी| उस नदी के पास कोई भी जानवर नहीं जाता था| सभी जानवर उस नदी से डरते थे और उस नदी को खूनी नदी कहते थे| इसलिए चूहे ने बंदर को उस नदी के बारे में ना कुछ बताया नहीं और ना ही उसे वह नदी दिखाई|
काफी समय बीत गया एक दिन बंदर जंगल में घूम रहा था| घूमते घूमते बंदर को प्यास लगी और उसे कुछ दूर चलने के बाद एक नदी दिखाई दी| यह वही नदी थी जिससे जंगल के सभी जानवर डरते थे और खूनी नदी मानते थे| लेकिन बंदर को इसके बारे में कोई भी ज्ञान नहीं था| इसलिए बंदर ने सोचा कि इतनी बड़ी नदी है मैं इससे पानी पी लेता हूँ|
जैसे ही बंदर पानी पीने के लिए नदी के पास गया| उसने अपना हाथ नदी में डाला तो नदी के अंदर से एकदम से एक मगरमच्छ बाहर आने लगा| मगरमच्छ ने बंदर पर हमला करने की कोशिश करी लेकिन बंदर बच गया और वहां से भाग गया| भागने भागते बंदर की मुलाकात एक खरगोश से हुई और बंदर ने खरगोश को उसके साथ हुई सारी बात बताई| फिर खरगोश बंदर को शेर से पास लेकर चला गया|
बंदर की पूरी बात सुनने के बाद शेर भी हैरान बार हो गए, क्यूंकि उस नदी पास तो कोई भी नहीं जाता है| इसलिए इस बात पर कोई भी यकीन नहीं कर रहा था कि बंदर वह गया होगा और वह कोई मगरमच्छ होगा| लेकिन बंदर सच बोल रहा था इसलिए अपनी बात को सही साबित करने के लिए बंदर ने कहा कि हम कल फिर से नदी के पास जाएंगे| तुम लोग झाड़ी के पीछे छुप जाना| जैसे ही मैं पानी पीने के लिए फिर से अपना हाथ नदी में डालूंगा, मगरमच्छ मुझ पर फिर से हमला करेगा|
अगला दिन हुआ सभी जानवर झाड़ी के पीछे छुप गए\ जैसे ही बंदर पानी पीने के लिए नदी के पास गया उसने पानी के अंदर हाथ डाला तो उधर से मगरमच्छ ने दूसरे सभी जानवरों को नदी के पास झाड़ी के पीछे छुपा हुआ देख लिया था| इसलिए मगरमच्छ ने बंदर पर हमला नहीं करा बल्कि वह वही पत्थर के आकार में छुपा रहा| तब सभी जानवरों ने देखा कि यहां पर तो कोई भी मगरमच्छ नहीं है, यह तो एक बड़ा सा पत्थर है और इस प्रकार कोई भी बंदर की बात पर विश्वास नहीं कर रहा था और वह सभी लोग वहां से चले गए|
लेकिन बंदर को मालूम था कि यह मगरमच्छ सभी जानवरों को मूर्ख बना रहा है| तब बंदर ने शेर को कहा कि मुझे अपनी बात साबित करने का एक और मौका दीजिए, मैं झूठ नहीं बोल रहा हूँ| तब शेर बंदर को एक मौका देने के लिए सहमत हो गया| अगला दिन हुआ बंदर ने एक बड़ी सी रस्सी ली, जिसका एक सिरा पेड़ के साथ बांध दिया और दूसरे सिरे से जाल बनाकर नदी के अंदर फेंक दिया|
जैसे ही बंदर पानी पीने के लिए नदी के पास गया, मगरमच्छ ने उसके ऊपर हमला कर दिया और उस जाल में मगरमच्छ का मुँह फस गया| यह देखकर सभी जानवर बहुत खुश हुए और इस प्रकार मगरमच्छ को बंदी बना लिया गया| अब सभी जानवर उस नदी में जाते और पानी पीते और नहाते| इस प्रकार बंदर ने अपनी चालाकी दिखाते हुए सभी जानवरों के इस डर को बाहर निकाल दिया|
Moral of The Story
इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें अफवाहों पर यकीन नहीं करना चाहिए बल्कि उसे बुद्धिमत्ता से समझने की कोशिश करनी चाहिए।
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2 बिल्लियां और चालक बंदर की कहानी – Chalak Bandar Story in Hindi With Moral
एक बार की बात है कि केरला के एक जंगल में दो बिल्लियां रहती थी| एक बिल्ली का नाम रोजी और दूसरी का नाम मैरी था| दोनों बिल्लियां सहेलियां थी| वह दोनों हमेशा साथ में खेलती और साथ में खाना खाती थी| लेकिन एक दिन जंगल में जाते जाते उन्हें आम दिखाई दिया| दोनों आम को खाना चाहती थी लेकिन आम एक था| इस बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हो गया कि आम मैं खाऊंगी दूसरी बिल्ली कहती आम में खाउंगी|
तभी वहां से एक चालक बंदर जा रहा था, उसने देखा कि दो बिल्लियां आपस में आम के पीछे लड़ रही हैं| तब बंदर ने कहा कि रुको मैं तुम्हारा अभी समझौता करवा देता हूँ| बंदर पास के गांव से एक दुकान से तराजू चुरा कर बिल्लियों के पास ले आया| बंदर ने आम के 2 टुकड़े करें और दोनों तराजू में रख दिए| एक तराजू का भार ज्यादा होने की वजह से वह नीचे जाने लगा| फिर बंदर ने दोनों का भार बराबर करने के लिए उस तराजू में से थोड़ा आम का टुकड़ा तोड़ कर खा लिया|
फिर दूसरे तराजू में ज्यादा भार लगने लगा तो बंदर ने उस तराजू में से थोड़ा सा टुकड़ा तोड़ कर खा लिया| ऐसे करते-करते बंदर सारा आम खा गया और वह दोनों बिल्लियां बंदर को देखते ही रह गई| फिर बंदर वहां से चला गया| दोनों बिल्लियों को यह समझा गया कि वह चलाक बंदर उन्हें मूर्ख बना गया है, वह उन्हें वह बेवकूफ बनाकर खुद सारा आम खा गया है| तब से दोनों बिल्लियां फिर से दोस्त बन गई|
Moral of The Story
इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है आपस में झगड़े में किसी तीसरे को अपना फायदा उठाने नहीं देना चाहिए, बल्कि हमें दोस्त बनकर रहना चाहिए।
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Conclusion
Chalak Bandar Story in Hindi With Moral – उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा शेयर करी गई कहानी Chalak Bandar Story in Hindi With Moral आपको पसंद आई होगी| अगर आप हमारे द्वारा शेयर करी गई कहानी से संबंधित हमें कोई राय देना चाहते हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।
FAQ (Frequently Asked Questions)
Chalak Bandar Story in Hindi With Moral से हमे क्या शिक्षा मिलती है?
Chalak Bandar Story in Hindi With Moral से हमे यह शिक्षा मिलती है कि हमें दूसरों की झूठी बातों में नहीं आना चाहिए, बल्कि अपने दिमाग का इस्तेमाल करके समाधान निकालना चाहिए।
दो बिल्लियां और चालाक बंदर की कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
दो बिल्लियां और चालाक बंदर की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें आपस में मिलजुल कर रहना चाहिए| नहीं तो चालाक बंदर की तरह कोई बहार से आएगा और हमारे आपसी झगड़े का फायदा उठा लेगा।
चालाक बंदर और मगरमच्छ की कहानी में बंदर ने क्या चालाकी करी?
चालाक बंदर ने अपनी चतुराई से नदी के अंदर छिपे हुए खतरनाक मगरमच्छ को जाल में फंसा लिया और मगरमच्छ के सच को दूसरे सभी जानवरों के आगे रख दिया।
दो बिल्लियां और चालाक बंदर की कहानी में चालाक बंदर ने क्या किया?
दो बिल्लियां और चालाक बंदर की कहानी में चालाक बंदर ने दो बिल्लियों के आपसी झगड़े का फायदा उठाते हुए उन से बादाम लेकर खुद खा लिया और बादाम के छिलके दोनों बिल्लियों को खाने के लिए दे दिए।