Aasman Gira Story Moral in Hindi | आसमान गिरा नैतिक कहानियां

दोस्तों क्या आप भी aasman gira story in hindi के बारे में सर्च कर रहे हैं? अगर ऐसा है तो आप बिल्कुल सही जगह पर आएं है, क्योंकि आप इस पोस्ट में हम आपके साथ हैं कुछ चुनिंदा कहानियां शेयर करने जा रहे हैं| 

हम वादा करते हैं कि आज की कहानियां को पढ़ने के बाद आपको भी अपने जीवन के लिए कुछ अच्छी सीख जरूर मिलेगी और आप कभी भी अपने जीवन में हार नहीं मानेंगे| तो चलिए दोस्तों अब हम शुरू करते हैं| 

गिरती हुई इमारत के टुकड़े की कहानी – Aasman Gira Story Moral in Hindi

गिरते हुए इमारत के टुकड़े की कहानी - Aasman Gira Story Moral in Hindi

एक बार की बात है कि बटाला शहर में बहुत बड़ी एक इमारत थी| वह इमारत बहुत ही ज्यादा सुंदर थी| वह बहुत ही अच्छे नक्शे के साथ बनी हुई और लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने वाली इमारत थी| काफी सारे लोग उस इमारत के अंदर काम भी करते थे| वह इमारत इतनी ज्यादा सुंदर थी कि लोग उसे अपनी ही संपत्ति मानते थे| 

फिर एक दिन आसमान से जोरदार आवाज सुनाई दी और लोग घबरा गए| जो लोग इमारत में काम कर रहे थे, वह इमारत से बाहर निकल आए| पहले उन्हें लगा कि जैसे कुछ आसमान से गिरा है| लेकिन फिर उन्होंने ध्यान से देखा तो पता चला कि इमारत का ऊपर का कुछ हिस्सा टूटकर गिरने वाला है| वह अपनी बनाई हुई इमारत को बचाना चाहते थे, लेकिन कुछ नहीं कर सकते थे|

वह सिर्फ इमारत के हिस्से को गिरता हुआ ही देख सकते थे। फिर कुछ समय के बाद इमारत का कुछ हिस्सा नीचे गिर गया| उनको एक दम से ऐसे लगा कि जैसे कुछ आसमान से टपका है| जिसकी वजह से कुछ लोग घायल भी हो गए और वहां पर खड़े लोग जो उस इमारत में काम करते थे यह देख कर उनका मन बहुत दुखी हुआ| 

फिर उन लोगों ने सोचा कि हम इस इमारत के टूटे हुए हिस्से को दोबारा से बनाएंगे और इसे ओर भी अच्छा और मजबूत बनाएंगे| अगले ही दिन लोगों ने उस इमारत के टूटे हुए हिस्से पर काम करना शुरू कर दिया| उन्होंने बहुत ही अच्छी क्वालिटी की ईंटे और सीमेंट का इस्तेमाल किया और कुछ ही दिनों में इमारत का वह टुकड़ा बनकर तैयार हो गया| अब इमारत पहले से भी ज्यादा सुंदर और मजबूत दिख रही थी और देखने में ऐसे लग रहा था जैसे अब इमारत का टुकड़ा नहीं टूटेगा| 

इमारत बनाने के बाद वहां पर मौजूद लोगों को यह समझ आ गया कि अगर वह किसी भी काम को मिलजुल कर टीम बनाकर और लगातार मेहनत करके करते हैं तो वह किसी भी मुकाम को हासिल कर सकते हैं| लोगों को अपने द्वारा बनाई हुई इमारत अब पहले से बहुत अच्छी लग रही थी और उन्हें अपनी मेहनत पर काफी गर्व महसूस हो रहा था।

नैतिक शिक्षा

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि मेहनत और एकता किसी भी मुश्किल का सामना कर सकती है| इसलिए हमें मेहनत करते रहना है और अपनी की हुई मेहनत से कभी संतुष्ट नहीं होना, बल्कि पहले से कुछ बेहतर करने की कोशिश करते रहना है।

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बुड्ढे आदमी और गिरते आसमान की कहानी

एक बार की बात है एक गांव में एक बुड्ढा आदमी रहता था| उसके पास खेती करने के लिए थोड़ी बहुत जमीन थी| लेकिन उसके गांव की जमीन ज्यादा उपजाऊ नहीं थी और उसके गांव में पानी की भी कमी थी| वह अक्सर ही बारिश होने का इंतजार करता रहता था, ताकि उसके खेतों में बारिश गिरने से उसके लिए खेती करनी आसान हो जाए| 

फिर एक दिन शाम का समय था बुड्ढे आदमी ने देखा कि आसमान से बहुत जोर जोर से आवाज आ रही है| वह अपनी कुटिया से बाहर निकला है और देखा तो ऐसा लग रहा था कि जैसे कुछ aasman se girne वाला हैं| वह भाग कर अपने पड़ोसी के पास गया और उसने पड़ोसी को बताया कि आसमान से कुछ नीचे गिरने वाला है, हमें कुछ करना चाहिए| वह दोनों सोचने लगे कि अब क्या किया जाए? 

फिर वह दोनों भागकर अपने गांव के सरपंच के पास गए| फिर सरपंच ने पूछा तो उन्होंने बताया कि देखिए आसमान गिर रहा है| आसमान से मानो जैसे कुछ नीचे की ओर आ रहा है| फिर सरपंच ने अपने घर से बाहर निकल कर आसमान की ओर देखा तो उसे महसूस हुआ कि जो बुड्ढा आदमी और मोहन बोल रहे हैं वह बिल्कुल सच बोल रहे हैं|

सरपंच ने सभी गांव वालों को बुलाया और कहा कि अब हमें मिलकर इसका सामना करना होगा, ऐसा लग रहा है जैसे कुछ आसमान से टपकने वाला है| लग रहा है कि आसमान से बहुत तेज बारिश होने वाली है| 

हमे मिलकर यहां पर बहुत बड़ा गड्ढा बनाना होगा ताकि हम बारिश से होने वाले पानी को इकट्ठा कर सके और उसका इस्तेमाल आगे चलकर कर सके| सभी लोग सरपंच की बात के साथ सहमत हो गए और उन लोगों ने मिलकर काम करना शुरू कर दिया| काफी देर काम करने के बाद गांव वालों ने मिलकर काफी बड़ा गड्ढा बना लिया| अब उनका गड्ढा बनकर तैयार हो गया था और कुछ ही देर के बाद तेजी से बारिश होनी शुरू हो गई| 

अब लगभग पूरे गांव में खेतों में बारिश गिरने लगी और साथ ही उन गांव वालों के द्वारा बनाए हुए गड्ढे में भी काफी सारा पानी इकट्ठा हो गया| जिसे आगे चलकर अब वह खेती के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं और अच्छी फसल पैदा कर सकते हैं| यह देख कर बुड्ढा आदमी बहुत खुश हुआ और वह कुछ देर के बाद अपने घर वापस चला गया| 

अब बुड्ढे आदमी के खेत में खेती करने के लायक पानी हो गया था और आगे पानी की उसे समस्या ना हो इसलिए उन्होंने पानी को इकट्ठा भी कर लिया था| अब बुड्ढा आदमी बहुत ज्यादा खुश था और उसे समझ आ गया कि अगर वह लोग मिलकर काम करते हैं तो किसी भी बाधा को पार पा सकते हैं और अपने मुकाम तक पहुंच सकते हैं|

नैतिक शिक्षा

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें मुसीबत से घबराना नहीं चाहिए बल्कि अगर हम मिलजुल कर काम करें तो उस मुसीबत से भी पार पा सकते है| हम अपनी मुसीबत का समाधान निकाल सकते हैं और अपने मुकाम को हासिल कर सकते हैं।

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आसमान से गिरते आकाशीय विकार की कहानी

एक बार एक गांव में लोग सो रहे थे| लगभग सुबह के 4 बजे का समय था| अचानक से आसमान से आवाजें आने लगी| सोते हुए लोग घबरा कर उठ गए| लोग अपने घरों से बाहर निकले और आसमान को देख कर चीखने लगे| उन्हें लगा कि जैसे आसमान नीचे गिरने वाला है और वह सोचने लगे कि अब क्या करें?

सभी लोग इकट्ठे हो गए| सभी लोगों ने अपने अपने विचार देने शुरू कर दिए। कुछ लोग कहने लगे कि हमें आसमान को ऊपर उठाना चाहिए, कुछ लोग कहने लगे कि हमें किसी नई तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए और कुछ लोग कहने लगे कि हमें दूसरे प्लेनेट के लोगों से मदद लेनी चाहिए| ताकि हम गिरते हुए आसमान को रोक सके और इस मुसीबत से बच सके| 

तभी उन्हीं के बीच एक बुड्ढा आदमी बैठा था| उसको काफी सारा ज्ञान और अनुभव भी था| वह लोगों की बातें सुन रहा था, फिर उसने लोगों को अपने पास बुलाया और कहा कि हम लोगों को मिलजुल कर इस समस्या का समाधान निकालना होगा और सभी मिलकर अपनी शक्ति का इस्तेमाल करके इस मुसीबत से पार पा सकते हैं| 

फिर बुड्ढे आदमी के कहने के अनुसार लोगों ने मिलकर एक लंबी रस्सी बना ली और रस्सी को जोर से आसमान की फेकने लगे| शुरुआत में लोगो को लगा कि उनका यह तरीका काम नहीं कर रहा है| लेकिन फिर कुछ देर के बाद उन्होंने आकाशीय विकार को संभाला और धीरे-धीरे से उसे धरती नीचे उतार लिया| फिर लोग अपने अपने घरों में वापस चले गए और उन्हें समझ आ गया अगर वे मिलकर काम करते हैं तो किसी भी समस्या का समाधान निकाल सकते हैं| 

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नैतिक शिक्षा

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हम लोगों को अकेले काम करने की वजह मिलकर काम करना चाहिए| तभी हम किसी भी मुसीबत का सामना कर सकते हैं और अपनी मुश्किलों का हल निकाल सकते हैं।

प्रकृति से छेड़छाड़ पड़ी भारी

प्रकृति से छेड़छाड़ पड़ी भारी - Aasman Gira Story Moral in Hindi

एक बार की बात है कि पहाड़ की चोटी पर एक गांव बसा हुआ था| वह गांव घने जंगल और पहाड़ों के साथ गिरा हुआ था| वहां के लोग भी अपने सरल और साधारण जिंदगी के साथ खुशी से रह रहे थे| वह जंगल और जानवरों का ध्यान रखते थे और अपना सादा जीवन जीने में विश्वास रखते थे| 

फिर एक दिन शहर से कुछ लोग गांव में आए| उन्होंने देखा कि गांव बहुत ज्यादा सुंदर और हरा भरा है| एक बार तो वह गांव को देखकर हैरान ही रह गए| फिर उन्होंने सोचा कि गांव में आधुनिक सुविधाओं की कमी है| उन्हें गांव में आधुनिक सुविधाएं लानी चाहिए| जिससे गांव वालों के लिए रोजगार बढ़ेगा और वह भी नई तकनीक के साथ जुड़ सकेंगे| 

उन्होंने गांव में बड़ी-बड़ी इमारतें, कारखाने, सड़कें बनाने का फैसला किया और लोगों को समझाया कि अगर उनके गांव में इमारतें, कारखाने, सड़कें आ जाएंगे तो उनके लिए रोजगार बढ़ेगा और उनका गांव भी दूसरे गांव की तरह आधुनिक गांव बन जाएगा| गांव वालों को शहरी लोगों की बात काफी अच्छी लगी और गांव का आधुनिकरण करने के लिए उनका साथ दिया| 

शुरुआत में जब गांव में इमारतें, कारखाने, सड़कें बन रही थी तो यह गांव वाले बहुत ज्यादा उत्साहित लग और काफी खुश लग रहे थे| परंतु जैसे-जैसे समय बीतता गया उनको महसूस होने लगा कि उनके गांव में आधुनिक तकनीक तो आ गई है, लेकिन वह प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं| उनके गांव में बहने वाली नदियों का पानी प्रदूषित हो रहा है, हवा में धुआं मिल रहा है| 

फिर 1 दिन गांव में भूचाल आ गया इमारतें गिर गई, कारखाने ढह गए| तब उन्हें समझ आया कि आधुनिककरण के लालच ने उन्हें प्रकृति से दूर कर दिया और वह प्रकृति के महत्व को भूल गए थे| उन्होंने फिर से अपने गांव को पहले जैसा बनाने का फैसला किया और पहले जैसे ही प्रकृति के साथ सादा जीवन व्यतीत करने लगे|

नैतिक शिक्षा

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमारे जीवन और समाज के विकास के लिए आधुनिकरण तो जरूरी है पर ऐसा आधुनिककरण किसी काम का नहीं जो प्रकृति से छेड़छाड़ करके किया जाए| हमारे द्वारा किए गए काम का परिणाम के हम खुद ही जिम्मेदार होते हैं।

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Conclusion

उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा शेयर करी गई जानकारी Aasman Gira Story Moral in Hindi आपको पसंद आई होगी और इससे जरूर आपको सीखने को जरूर मिला होगा| अगर आपको हमारे द्वारा करी गई कहानियां अच्छी लगी हो या फिर आप हमें कोई राय देना चाहते हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।

FAQ (Frequently Asked Questions)

गिरती हुई इमारत से आपको क्या सिखने को मिला?

गिरती हुई इमारत से यह सिखने को मिला है कि अगर काम मिलकर किया जाए तो किसी भी मुश्किल का आसानी से सामना किया जा सकता है और काम को ओर भी बेहतर किया जा सकता है।

प्रकृति से छेड़छाड़ आसमान गिरा कहानी से हमे क्या सबक मिलता है?

प्रकृति से छेड़छाड़ आसमान गिरा कहानी से हमे यह मालूम हुआ कि हमे अपनी सहूलियत के लिए प्रकृति से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए| नहीं तो हमे इसका भरी नुक्सान चुकाना पड़ता है|

आसमान गिरा कहानी क्या है?

आसमान गिरा कहानी ऐसी कहनिया है जिसमे कुछ काम करने वालो, बुड्ढे किसान और एक समझदार बुड्ढे आदमी की कहनिया है| जिनसे यह सिखने को मिलता है कि मिलकर किया हुआ काम किसी भी मुसीबत का सामना करने के लिए सक्षम है|

आसमान गिरा कहानी का मोरल क्या है?

आसमान गिरा कहानी का मोरल यह है कि अगर अपने मुकाम को हासिल करना है और किसी बड़ी मुसीबत का सामना करना है तो हमे काम मिल कर करना चाहिए| क्यूंकि एकता में ही बल होता है|

आसमान गिरा कहानी में कौन-कौनसे Characters हैं?

हमने आपके साथ 4 अलग अलग आसमान गिरा कहानी शेयर करी है| सभी में अलग अलग Characters है| जैसे कि इमारत में काम करते लोग, बुड्ढा किसान और पडोसी मोहन, सरपंच, एक समझदार बुड्ढा आदि|

क्या इस कहानी में कोई संदेश है?

हमे इन सभी कहानियों से यही सन्देश मिलता है कि हमे काम को आसान और पहले से बेहतर बनाने के लिए मिलकर ही काम करना चाहिए| क्यूंकि जो बल एकता में है वह अकेला काम करने में नहीं है|

यह कहानियां किस प्रकार से हमारी जीवन में मदद करती है?

हमे सभी कहानियों से यही सिखने को मिला है कि हमे अकेला काम करने की बजाए मिलकर काम करना चाहिए| क्यूंकि मिलकर काम करने से काम आसान और पहले से काफी बेहतर हो जाता है|

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