10 Lines Short Stories with Moral in Hindi | 10 लाइन की कहानी

दोस्तों क्या आप भी 10 Lines Short Stories with Moral in Hindi के बारे में सर्च कर रहे हैं? अगर ऐसा है तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए है,क्योंकि आज की इस पोस्ट में हम आपके साथ 10 लाइन की कहानी शेयर करने जा रहे हैं| 

हम आपसे वादा करते हैं कि आज की शेयर करी जाने वाली कहानियों को पढ़कर आपको बहुत अच्छा महसूस होगा और आपको जीवन के लिए अच्छी शिक्षा भी मिलेगी| जिसे आप जीवन भर अपने साथ रखेंगे और कामयाब होंगे| 

जब हमने देखा कि काफी लोग 10 लाइन की नैतिक शिक्षा की कहानियों के बारे में सर्च कर रहे हैं| तब हमने खुद इसके ऊपर रिसर्च शुरू करी और रिसर्च पूरी हो जाने के बाद ही आज हम आपके साथ कहानियां शेयर करने जा रहे हैं| तो चलिए दोस्तों अब हम शुरू करते हैं।

जस्सी के झूठ की कहानी – 10 Lines Short Stories with Moral in Hindi

  1. एक गांव में जस्सी नाम का लड़का रहता था| वह कॉलेज की पढ़ाई करने के लिए अपने पास के शहर में चला गया था| 
  2. उसने शहर जाकर कॉलेज में एडमिशन ले लिया और हॉस्टल में रहने लगा| 
  3. जस्सी कभी भी कॉलेज नहीं जाता था और सारा दिन हॉस्टल में रहता था| 
  4. उसके साथ वाले रोजाना पढ़ाई के लिए कॉलेज जाया करते थे, लेकिन जस्सी सारा दिन हॉस्टल में पड़ा रहता और टीवी देखता रहता था| 
  5. समय बीत गया जस्सी के सारे दोस्त परीक्षा देकर पास हो गए, क्यूंकि जस्सी कॉलेज ही नहीं जाता था, इसलिए वह परीक्षा भी नहीं दे पाया था| 
  6. फिर कुछ समय के बाद जस्सी के सभी दोस्तों को अच्छी नौकरी लग गई| 
  7. लेकिन जस्सी अभी भी हॉस्टल में ही था और उसके घरवालों को भी जस्सी की इस हरकत के बारे में पता चल गया था| 
  8. फिर जस्सी के घर वालों ने जस्सी को अपने गांव वापस बुला लिया और उसकी पढ़ाई बंद करवा दी| 
  9. जस्सी के माता पिता ने जस्सी को घर के कामकाज करने के लिए ही घर पर रख लिया| 
  10. अब जस्सी सुबह उठता और अपने खेतों में मजदूरों के साथ मजदूरी करता| तब जस्सी को अपने किए पर बहुत पछतावा हुआ।

नैतिक शिक्षा

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि घरवालों से झूठ बोलने से हम घरवालों को नहीं बल्कि खुद को ही धोखा दे रहे हैं| इसलिए हमें झूठ नहीं बोलना चाहिए।

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बिल्ली और चूहा की कहानी

बिल्ली और चूहा की कहानी - 10 Lines Short Stories with Moral in Hindi

  1. एक बार एक किसान के पास एक बिल्ली और चूहा था| किसान अपनी बिल्ली और चूहे से बहुत प्यार करता था| 
  2. वह दोनों को खाने के लिए अच्छा खाना देता था| 
  3. बिल्ली और चूहा भी आपस में मिल जुल कर रहते थे और साथ में काफी समय बिताते थे| 
  4. एक दिन किसान को किसी काम से घर से बाहर जाना पड़ा| वह अपने चूहे और बिल्ली को घर पर छोड़ कर चला गया| 
  5. सुबह से शाम हो गई लेकिन किसान घर पर वापस नहीं आया| बिल्ली को भी भूख लग रही थी| 
  6. बिल्ली ने खाने के लिए आसपास घर पर खाने के लिए देखा, लेकिन उसे कुछ भी नहीं मिला| 
  7. फिर बिल्ली की नज़र चूहे पर पड़ी और बिल्ली चुके को मारकर खा गई| 
  8. फिर रात को जब किसान घर वापिस आया तो उसने देखा कि चूहा घर पर नहीं आए और बिल्ली के मुंह को खून भी लगा हुआ है| 
  9. किसान देख कर समझ गया था कि उसके चूहे को उसी की बिल्ली ने खा लिया है| 
  10. अब किसान ने गुस्से में बिल्ली को भी घर से बाहर निकाल दिया| 

नैतिक शिक्षा

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने स्वार्थ के लिए अपनों का भरोसा कभी भी नहीं तोड़ना चाहिए।

परिवार के साथ बुरे व्यव्हार की कहानी

  1. एक बार मनदीप नाम का एक व्यक्ति था उसकी बीवी और दो बच्चे थे| 
  2. मनदीप सरकारी नौकरी पर लगा हुआ था, लेकिन वह घर पर खर्चे के लिए बिल्कुल भी पैसा नहीं देता था। 
  3. वह अपना सारा पैसा बाहर के फिजूल खर्च और ऐश करने में खर्च करता था।
  4. उसकी बीवी छोटा-मोटा काम करके अपना घर का खर्चा चलाती थी और अपने बच्चों को पालती थी।
  5. मनदीप कभी भी ना अपनी बीवी के साथ समय बिताता था और ना ही कभी अपने बच्चों के साथ समय बिताता था।
  6. समय बीतता गया और अब बच्चे भी बड़े हो गए| 
  7. एक दिन मनदीप बीमार हो गया| तब उसकी बीवी ने तो मनदीप का ख्याल रखा लेकिन उसके बच्चों ने अपने पिता के ऊपर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया और ना ही उसकी दवा के लिए पैसे दिए| 
  8. तब मनदीप को इस बात का एहसास हुआ कि उसने आज तक अपने परिवार के साथ जो किया वह बिल्कुल गलत किया है|
  9. उसी का नतीजा है कि आज उसके बच्चे भी उसको बिल्कुल भी प्यार नहीं करते और ना ही उसका ध्यान रखते हैं| 
  10. यह देख कर मनदीप मायूस हो गया और और अपने किए पर पछतावा करने लगा| 

नैतिक शिक्षा

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि असली खुशी परिवार से मिलती है ना की धन दौलत से मिलती है

लालची राजा की कहानी

लालची राजा की कहानी - 10 Lines Short Stories with Moral in Hindi

  1. एक बार एक प्रदेश में लालची राजा था जो अपनी प्रजा से भारी मात्रा में कर वसूल करता था| 
  2. प्रजा अपनी मेहनत से खेत में अन्न उगती थी और राजा आधे से ज्यादा अपने पास रख लेता था|
  3. जिसकी वजह से प्रजा राजा से बहुत निराश थी और कोई भी राजा को पसंद नहीं करता था| 
  4. 1 दिन राज्य में एक ऋषि आज उसने राजा को बताया कि उसके लालच की वजह से उसका पूरा राज्य नष्ट हो जाएगा| 
  5. लेकिन राजा ने ऋषि की बात पर ध्यान नहीं दिया| वह अपने लालची स्वभाव की वजह से प्रजा पर अत्याचार करता रहा|
  6. फिर कुछ समय के बाद राज्य में हड आ गए, जिस में राजा का सारा अनाज भी बह गया| 
  7. अब राजा के पास कुछ भी नहीं बचा था, राजा की धन संपत्ति भी नष्ट हो गई थी| 
  8. प्रजा भी राजा को घृणा की नजर से देखने लगी थी| फिर राजा को ऋषि की बात याद आई और उसने अपना समभाव बदलने के बारे में सोचा| 
  9. अब राजा अपनी प्रजा के साथ प्यार से रहता, उनके साथ न्याय करता और उनकी मुसीबत में मदद भी करता| 
  10. फिर प्रजा भी राजा का बहुत आदर सम्मान करने लगे थे और फिर से राजा का राज्य समृद्ध हो गया| 

नैतिक शिक्षा

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की दया और प्यार से हम किसी का भी मन जीत सकते हैं लेकिन लालच से नहीं, इसलिए लालच बुरी बला है।

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बूढ़ी महिला और लकड़ी के खिलौने

  1. गांव में एक बूढ़ी महिला रहती थी जिसके दो बच्चे थे| 
  2. दोनों बच्चे शहर में अच्छी नौकरी करते थे, लेकिन बच्चे अपनी मां के ऊपर बिलकुल भी ज्यादा ध्यान नहीं देते थे| 
  3. एक बार गांव में मेला लगने वाला था, बूढ़ी औरत ने अपने बच्चों से थोड़े पैसे मांगे| 
  4. दोनों बच्चो ने भी अपनी माँ को थोड़े थोड़े पैसे दे दिए| 
  5. बूढ़ी महिला उन पैसों से काफी सारी लकड़ियां घर ले आई| 
  6. फिर बूढ़ी औरत ने लकड़ियां पर मेहनत करके उनके छोटे-छोटे खिलौने बना दिए और मेले में बेचने के लिए चली गई| 
  7. लोगों को खिलौने बहुत पसंद आए, लोगों ने काफी बढ़ चढ़कर खिलौनों को खरीदा| 
  8. अब बूढ़ी औरत के पास पैसे जमा होने लगे और वह नए नए खिलौने बनाकर बेचने लगी|
  9. इस प्रकार बूढ़ी महिला का बिज़नेस काफी बढ़ गया और उसके पास पैसे भी जमा होने लगे|
  10. अब बूढ़ी महिला के बच्चे भी महिला को सम्मान देने लगे।

नैतिक शिक्षा

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें परिस्थितियों का सामना करना चाहिए और कभी भी हार नहीं माननी चाहिए।

सच्ची खुशी की तलाश

  1. शहर में एक अमीर व्यापारी था, जिसका व्यापार बहुत अच्छा चलता था और उसके पास सुख शांति के सभी साधन थे| 
  2. लेकिन वह व्यापारी फिर भी मायूस रहता था कभी भी खुश नहीं होता था और हमेशा खुशी की तलाश करता रहता था| 
  3. फिर एक दिन वह व्यापारी अपने घर से दूर खुशी की तलाश करने के लिए इधर उधर घूमने लगा| काफी दिन घूमने के बाद उसे एक बुजुर्ग आदमी मिला जो कि काफी गरीब था और साधारण से कपड़े पहनने हुआ था| 
  4. व्यापारी ने गरीब आदमी से बात करी और गरीब आदमी व्यापारी को अपने साथ अपनी कुटिया में ले गया| 
  5. वहां व्यापारी ने देखा कि गरीब आदमी के पास तो इतने साधन भी नहीं है लेकिन वह फिर भी इतना संतुष्ट है| 
  6. तब व्यापारी ने गरीब आदमी की खुशी का राज पूछा तो गरीब आदमी ने बताया कि जीवन में खुशी सुख साधनों से नहीं मिलती बल्कि हमारे पास जितना है हमें उसी में खुशी ढूंढने चाहिए और उसी से संतुष्ट रहना चाहिए| 
  7. अभ व्यापारी भी वापस घर लौट गया| 
  8. अब व्यापारी को थोड़ा बहुत भी नया कुछ देखने को मिलता है तो वह उसी में खुश रहने लगा और उसी से संतुष्ट होने लगा| 
  9. यह देखकर परिवार के बाकी सदस्य व्यापारी से बहुत खुश रहने लगे
  10. इस प्रकार उस व्यापारी के साधारण स्वभाव की बातें आसपास पड़ोस में भी फैलने लगी।

नैतिक शिक्षा

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमारे पास जो है हमें उसी से संतुष्ट रहना चाहिए और जीवन में साधारण चीजों में खुशी ढूंढ़नी चाहिए| यही सच्ची खुशी होती है।

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घमंडी राजा और गरीब आदमी की कहानी

  1. एक बार एक राजा था, जिसे अपनी दौलत पर बहुत घमंड था| वह गरीब लोगों से बहुत नफरत करता था| 
  2. वह अपने राज्य के प्रजा को क्रोध और घ्रिणा की नजरों से देखता था| 
  3. एक बार राजा बाजार में घूम रहा था, उसकी नजर एक गरीब आदमी पर पड़ी| 
  4. गरीब आदमी को देखकर राजा रुका नहीं बल्कि उसकी और गुस्से से देखता हुआ चलता रहा| 
  5. फिर गरीब आदमी राजा के पास आया और राजा से कहने लगा कि मेरे पास एक ऐसी चीज है जो आपके पास भी नहीं है| 
  6. राजा ने पूछा कि तुम तो बिल्कुल गरीब आदमी हो तुम्हारे पास ऐसा क्या है जो मेरे पास नहीं है?
  7. फिर गरीब आदमी ने कहा कि मेरे पास लोगों का प्यार और सम्मान है जो आपके पास बिल्कुल भी नहीं है| 
  8. यह सुनकर राजा कुछ समय के लिए बिल्कुल सुन पड़ गया और उसे गरीब आदमी की बात समझ आ गई| 
  9. तब से राजा को अपने घमंडी व्यवहार पर पछतावा होने लगा और वह अपनी प्रजा से बहुत प्यार से पेश आने लगा| 
  10. इस प्रकार घमंडी राजा का हृदय परिवर्तन हो गया।

नैतिक शिक्षा

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सच्ची महानता धन और शक्ति से नहीं बल्कि प्यार और सम्मान से मापी जाती है।

विजय बना स्वार्थी से दयालु

  1. एक गांव में विजय नाम का लड़का रहता था। वह बहुत ही स्वार्थी था और खुद के बारे में ही सोचता था| 
  2. एक दिन विजय बाजार से जा रहा था, उसे उस समय एक बुड्ढा व्यक्ति मिला जो अपने रास्ते की खोज कर रहा था| 
  3. फिर विजय ने अपने स्वार्थी समभाव की वजह से उस बुड्ढे व्यक्ति की सहायता करने की सोची और बदले में उससे कुछ लेने की इच्छा जताई| 
  4. फिर बुड्ढे व्यक्ति ने विजय को अपने और अपने परिवार के बारे में बताया और जीवन के अनुभव के बारे में भी बताया| 
  5. तब विजय को लगा कि वह कितना गलत था, वह सिर्फ अपने बारे में ही सोचता था|
  6. उसे जो खुशी आज इस बुड्ढे व्यक्ति की मदद करके मिल रही है| वह उसे जीवन में कभी नहीं मिली थी| 
  7. फिर कुछ देर में बूढ़े व्यक्ति को भी अपने घर का रास्ता मिल गया और वह वहां से चला गया| 
  8. तब से विजय के स्वभाव में बहुत ज्यादा अंतर आ गया| 
  9. अब वह स्वार्थी नहीं रहा और दयालु हो गया| 
  10. अब सारे गांव वाले भी विजय के स्वभाव से बहुत खुश थे और उससे बहुत प्यार करने लगे थे।

नैतिक शिक्षा

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें स्वार्थी ना होकर दूसरों की मदद करनी चाहिए| ऐसा करने से हम अपने जीवन को और भी बेहतर बना सकते हैं।

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ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है

  1. एक बार एक गांव में मीनू नाम की लड़की थी| वह बहुत ही झूठी लड़की थी| वह हर किसी से झूठ बोलती रहती थी| 
  2. एक दिन मीनू ने गांव वालों के सामने झूठ बोला और फिर कुछ दिनों के बाद मीनू को झूठ पूरे गांव वालों के सामने पकड़ा गया| 
  3. उस दिन से गांव वालों ने मीनू से बात करनी बिल्कुल ही बंद कर दी| 
  4. तब मीनू को एहसास हुआ कि उसने गांव वालों के साथ झूठ बोलकर जो गलती करी है, यह उसके जीवन की बहुत ही बड़ी गलती है| 
  5. मीनू को एहसास हुआ कि उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था| 
  6. फिर मीनू ने अपनी गलती का पछतावा करने के लिए गांव वालों के सामने माफी मांगने के बारे में सोचा| 
  7. मीनू ने पूरे गांव वालों के सामने पंचायत में जाकर गांव वालों से माफी मांगी और झूठ बोलना बंद कर दिया। 
  8. गांव वालों ने भी उसकी इमानदारी को देखते हुए उसे माफ कर दिया| 
  9. अब मीनू अपनी ईमानदारी वाली जिंदगी जीने लगी और झूठ का साथ उसने बिल्कुल ही छोड़ दिया| 
  10. अब सभी गांव वाले मीनू के ईमानदार स्वभाव से बहुत ज्यादा प्रभावित हो गए और अब उसकी प्रशंसा भी करने लगे।

नैतिक शिक्षा

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि ईमानदारी एक अच्छी नीति है| हमें कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी ईमानदारी का साथ नहीं छोड़ना चाहिए।

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Conclusion

उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा शेयर करी गई 10 Lines Short Stories with Moral in Hindi आपको काफी पसंद आई होगी और इन कहानियों को पढ़कर आपको अच्छी शिक्षा भी मिली होगी और साथ में यह कहानी आपको दिलचस्पी लगी होगी| अगर आपको हमारे पर शेयर करी गई कहानियां पसंद आई हो या फिर आप हमें कोई राय देना चाहते हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।

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